माटी का दीया

Importance of Diya

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 15 Feb, 2021 | 1 min read
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मैं माटी का दीया हूं ...


तिमिरता को मिटाकर 

घर घर उजाला करता हूँ 

जलता आया सदियों से 

अपनों की खातिर जीता हूँ 


गरीब हो या अमीर हो 

मैं सबके घर में मिलता हूं 

ऊंच -नीच ,जाति -पाति

ना भेदभाव करता हूँ 


नई दुल्हन के आगमन पर

शगुन बनकर जलता हूं 

तीज और त्यौहारों की 

शान बनकर खिलता हूँ


तन्हाई हो या रौनकें 

हर परिस्थिति में एक रहा 

बनावटीपन की चमक में 

मेरा अस्तित्व अब खो रहा 


तुम्हारी संस्कृति का हूँ अंग 

मुझसे ही तो है सारे रंग 

जीवन के अधिंयारों को 

जल जलकर मैं पीया हूं 


मैं माटी का दीया हूँ ...

मैं माटी का दीया हूँ.... 

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Seema sharma Srijita

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