हां जी मैं नहीं मार्डन

नारी मन के भाव

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 21 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Nari

बोली मुझसे एक बहिन 

सब कविता कहानी पढ़ी मैंने

कितना अच्छा तुम लिखती हो 

आधुनिक और स्वतंत्र 

विचार तुम रखती हो 


फिर क्यों अपने ही ससुराल में

पुरानी विचारधाराओं को ढोती हो

आज की लड़की होकर भी

साडी़ में लिपटी रहती हो 

और सर पर पल्लू रखती हो


पता है देखने में कितनी 

ओल्ड फैशन तुम लगती हो 

मैं मुस्काई और जबाब दिया 

गर मेरे साडी़ पहनने से 

और सर पर पल्लू रखने से 


खुश होते हैं मेरे ससुर सास 

पति के चेहरे पर आते हैं गर्व के भाव 

खुश रखूं उन्हें मेरा फर्ज यही 

और इसमें मुझको कोई हर्ज नहीं 


जो मिला है इस घर में मुझको 

क्या क्या गिनवाऊं में तुझको 

खुशियों से भरी मेरी झोली 

है प्यार भरा मेरा संसार 


फिर क्यों मात्र पहनावे के लिए

कर लूं अपनी खुशियां बरबाद

किसने कहा पहनावा ही होता है

आधुनिकता की पहचान


ये बात गलत है बहन मेरी 

सोच समझ ले तु ये जान 

गर फिर भी तुमको लगता है 

पढी़ लिखी होकर भी मैं 


लगती हूँ बडी़ ओल्ड फैशन

तो हां जी मैं कह सकती हूं 

हाँ जी मैं नहीं मॉर्डन ....

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Seema sharma Srijita

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