दर्द -ए -दिल

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 23 Jan, 2021 | 1 min read
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जख्म गहरे हैं जरा मरहम लगा दो |

बहुत रो लिए अब मन है हंसा दो ||


हम तो भूले सारी दुनिया मुहब्बत में |

डूबकर चाहत में तुम भी भुला दो ||


जागते नैन हैं सदियों से इन्तजार में |

 कुछ पल ही सही इनको सुला दो ||


तिमिर ने घेरा सपनों का महल अपना |

मिलन के दीयों से फिर इसको सजा दो ||


हमने खो दिया खुद को न जाने कहां |

तेरे दिल में बसे जरा उससे मिला दो ||


बना लो हमें अपना अब सदा के लिए |

गर नहीं तो आओ ,हमको मिटा दो ||


मुहब्बत "सृजिता" कोई गुनाह तो नहीं |

दर्द -ए-दिल की सनम यूं ना सजा दो ||

 @सीमा शर्मा "सृजिता"





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