इजाज़त

कभी कभी आपको आपकी शराफत की सजा में इजाज़त का मोहताज बना दिया जाता है और उसके बाद आपके अपने की कोई इच्छा बाकी नहीं रह जाती है

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 23 Oct, 2020 | 1 min read
#my_pen_my_strength

मान लिया कि सारी गलती मेरी थी,

क्या अब, जाने की इजाज़त है मुझे,


सजा पाते हुए भी अरसा निकाल दिया,

क्या अब, मुस्कुराने की इजाज़त है मुझे,


वो गुनाह कबूल किए जिनका इल्म ना था,

क्या अब, कुछ छुपाने की इजाज़त है मुझे,


गुनहगारों से आँखें चुराता फिरा हूँ राह भर,

क्या अब, नज़रें उठाने की इजाज़त है मुझे,


सबके सामने होकर मुझे गुमनाम माना गया,

क्या अब, कुछ नाम कमाने की इजाज़त है मुझे,


इजाज़तों का मोहताज बनकर पूछता रहा ‘साकेत',

कि अब और क्या कुछ पूछ पाने की इजाज़त है मुझे।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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