जश्न मेरे हार का

हम तो भाई ऐसे ही हैं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 08 Jul, 2020 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry #my_pen_my_strength

हमने तो हार का जश्न भी कुछ यूँ मनाया,

कि वो जीतकर भी नाराजगी जताने लगे,

हमने टूटे ख्वाबों को आँखों में यूँ सजाया,

कि वो हमसे जलने लगे, नज़रें चुराने लगे,


बीतते वक़्त ने भी, क्या ख्याल रखा है हमारा,

जब जब गिरे हम, ऊँचाइयों ने ही सँभाला हमें,

मुश्किलों ने भी कितना हौसला परखा है हमारा,

जब जब भी बिखरे हम, चोटों ने ही निखारा हमें,


आकर तंग हमारी आदतों से, वो हमें ही दुनियादारी समझाने लगे,

हम तो नासमझ के नासमझ ही ठहरे, उनकी हाँ में हाँ मिलाने लगे,

मौजूदा हालत अब ये हैं कि वो हार चुके हैं हमारी गलतियां गिनवा कर,

आए तो थे हमें तबाह करने और अब अपने हालात पर ही पछताने लगे।

By:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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