हम(पुरुष) सुरक्षित नहीं हैं

हम(पुरुष)सुरक्षित नहीं हैं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 08 Aug, 2021 | 1 min read
Fake faminism Fakefiminist

हम पर तो बेवज़ह भी हो सकता है वार, हम सुरक्षित नहीं हैं,

हमारे आत्मसम्मान पर हो सकता है प्रहार, हम सुरक्षित नहीं हैं,


बचपन से सीखते आए हम कि हरेक इंसान सम्मान का पात्र है,

हमारे साथ सरेआम हो सकता है अत्याचार, हम सुरक्षित नहीं हैं,


अंधे क़ानून की इस तलवार से न्याय का भी खंडन होता है अब,

भरी भीड़ में हमारे साथ हो सकता है दुर्व्यवहार, हम सुरक्षित नहीं हैं,


बिना हमारा पक्ष सुने भी हमें हत्यारा, दरिंदा, कसूरवार बताया जाता है,

और दोषी के पास हो सकता है नारीवाद का हथियार, हम सुरक्षित नहीं हैं,


करें किससे अब ये सवाल कि कब तक चलेगा ये नकली नारीवाद का बवाल,

आज हम, कल कोई और भी हो सकता है इसका शिक़ार, हम सुरक्षित नहीं हैं।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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