यार हम सोचते बहुत हैं

यार हम सोचते बहुत हैं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 24 Jul, 2021 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry #my_pen_my_strength

ख़ुद को हर काम से पहले रोकते बहुत हैं, यार हम सोचते बहुत हैं,

हर फैसले से पहले ख़ुदको टोकते बहुत हैं, यार हम सोचते बहुत हैं,


अश्क़ों को दोषी ठहराते हैं, हमारे जख़्म जग ज़ाहिर करने के लिए,

फिर बिना आँसू, आँखों को पोंछ्ते बहुत हैं, यार हम सोचते बहुत हैं,


जो घाव थे वो भरने की कगार पर पहुँच कर फिर से हरे होने लगे हैं,

हम अपने नासूरों को यूँ भी खरोंचते बहुत हैं, यार हम सोचते बहुत हैं,


शायद हर किसी को मालूम है यहाँ, हर एक छोटी-बड़ी कमज़ोरी मेरी,

हम निज़ी क़िस्से भी सरेआम परोसते बहुत हैं, यार हम सोचते बहुत हैं,


सब राज़ रखने की बात करके “साकेत", क्यों सबसे सारी बात करते हो,

बातें राज़ की ये ज़माने वाले खोजते बहुत हैं या यार, हम सोचते बहुत हैं।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Deepali sanotia · 2 years ago last edited 2 years ago

    Very nice

  • Sonnu Lamba · 2 years ago last edited 2 years ago

    👏👏👏👏

  • Sonnu Lamba · 2 years ago last edited 2 years ago

    👏👏👏👏

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