अब ललकारने की बारी मेरी है

अब ललकारने की बारी मेरी है

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 24 Jun, 2022 | 1 min read

कहते हो मुझे कि क़दम आगे बढ़ाकर दिखाओ,

ख़ुद को सफ़लता के शिखर पर चढ़ाकर दिखाओ,


मुझे यूँ अपने इशारों पर चलने पर मजबूर करते हो,

मानो कहते हो कि ख़ुद पर ही हक़ जताकर दिखाओ,


मगर अब बस बहुत चला तुम्हारा ये आधिपत्य मुझ पर,

अब मैं भी चुनौती देता हूँ कि मुझे और सताकर दिखाओ,


बहुत चला ली आजतक तुमने मुझपर बेवज़ह मर्ज़ी अपनी,

अब पहले की तरह काम कोई, तुम मुझसे कराकर दिखाओ,


तेरे दिखाए मुश्किल वक़्त से अब तक सहमा रहा है “साकेत",

अब मैं‌ ही तुझे ललकारता हूँ ऐ ज़िंदगी, मुझे डराकर दिखाओ।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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