क्यों अपना सब किसी के नाम कर दूँ,
क्यों अपने सपनों को यूँ बर्बाद कर दूँ,
क्या ज़रूरत है मुझे किसी हमसफ़र की,
क्यों किसी के लिए ख़ुद को वीरान कर दूँ,
क्या मुझे ख़ुश रखने का जिम्मा वो उठाएगा,
क्या मुझसे करके वादा वो सच में निभाएगा,
कैसे करूँ भरोसा कि उसे भी है ज़रूरत मेरी,
क्या हाथ थामे, मेरे सफ़र में साथ वो आएगा,
अगर नहीं तो कैसे किसी के सहारे आगे चल दूँ,
कैसे किसी और के हिसाब से मैं ख़ुद को बदल दूँ,
ऐसे में क्या ही रह जाएगा अस्तित्व मेरे किरदार का,
कैसे किसी और के नाम मैं अपना सारा सफ़र कर दूँ।
IG:— @my_pen_my_strength
BY:— © Saket Ranjan Shukla
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