अनजाना सा एहसास

इश्क नाम तो नहीं इस अनजाने से एहसास का

Originally published in hi
Reactions 0
347
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 23 Nov, 2020 | 1 min read
#my_pen_my_strength

ऐसे तो हर जगह बड़ा शेर बना फिरता हूँ,

उसके आते ही क्यों ऐसे घबरा जाता हूँ मैं,

वो जो देख ले नज़र भर, मुस्कुराती आँखों से,

सँभलते सँभलते भी कैसे लड़खड़ा जाता हूँ मैं,


ये जादू है या खुमार कोई, जो मेरे सर चढ़ रहा है,

क्यों आजकल मुझे सिर्फ़ उसके ही ख़्वाब आते हैं,

अगर इश्क़ ही है नाम, इस अनजाने से एहसास का,

फ़िर क्यों लब मेरे, उससे कुछ भी कहने से सकुचाते हैं,


जब उसे पाया नहीं है, फ़िर क्यों आख़िर उसे खोने से डरता हूँ,

उसके आगे चूँ तक नहीं करता, बेकार ही क्यों शेर बना फिरता हूँ।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

0 likes

Published By

Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.