अश़्क हैं अगर तो उन्हें झूठा बताकर जीओ,
है दुश्मन जमाना, ख़ुद को गले लगाकर जीओ,
ज़िंदगी है राह वो जहाँ तुफानों का आना जाना है,
क़दम डगमगाएंगे मगर राहों में पाँव जमाकर जीओ,
कोई अपना न, कोई पराया मिलेगा सफ़र में कभी भी,
सिर्फ़ तुम ही तुम्हारे हो, बात ये दिल में बिठाकर जीओ,
कड़े फैसले करने से कतराओगे तो मुश्किलें बढ़ जाएँगी,
आने वाली विषम परिस्थितियों से भी नज़रें मिलाकर जीओ,
ज़ख्मों की नुमाइश न करना “साकेत” मखौल करेंगे लोग वरना,
इसलिए कहता रहता हूँ कि जब तक भी जीओ मुस्कुराकर जीओ।
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