हो कौन तुम?

हो कौन तुम मुझसे मेरे फैसलों का जवाब मांगने वाले

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 12 Oct, 2021 | 1 min read

मेरे फ़ैसलों के लिए मैं तुम्हें कोई भी ज़वाब क्यों दूँ,

कान देकर तुम्हारे तानों पर ख़ुदको अज़ाब क्यों दूँ,


तुम हो कौन, मेरी शख़्सियत पर सवाल उठाने वाले,

ख़र्च कर यूँ तुमपर बर्बादी को अपना रुवाब क्यों दूँ,


मेरे हरेक क़दम का परिणाम भविष्य की कोख में है,

सिर्फ़ तुम्हारी मानके अपने मन को इज़तिराब क्यों दूँ,


मेरे हिस्से क्या आएगा, विचारने की ज़रूरत तुम्हें नहीं,

झूठी परवाह को तुम्हारी सच होने का ख़िताब क्यों दूँ,


सफ़र, मंज़िल, मेहनत और अंज़ाम भी है “साकेत" का,

तुम्हारा कुछ है ही नहीं तो मैं तुम्हें कोई भी हिसाब क्यों दूँ।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength


कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻

अज़ाब :— कष्ट, पीड़ा (Pain)

शख़्सियत :— व्यक्तित्व ( Character)

रुवाब :— रोब, गर्व (Attitude, Proud)

इज़तिराब :— व्याकुलता, व्याग्रता (Anxiety, Impatience)

ख़िताब:— शीर्षक, उपाधि (Title)

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Saket Ranjan Shukla

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