करके दगा, दोस्ती का वास्ता न दो

करके दगा, दोस्ती का वास्ता न दो

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 12 Mar, 2022 | 1 min read

ये आँखें छलक पड़े, इससे पहले चले जाओ,

खो बैठूँ आपा अपना, इससे पहले चले जाओ,


अंदाज़ा था, तुम सँभाल न पाओगे भरोसा मेरा,

बिखरे अब ये टुकड़ों में, इससे पहले चले जाओ,


अब-तक मेरे ख़्वाबों का हिस्सा बनने का शुक्रिया,

टूटे नींद, तुमपर भरोसे की, इससे पहले चले जाओ,


है क़माल कि तुम्हें पहचानकर भी, तुम्हीं से ठगे गए,

ये अफ़सोस, बदले गुस्से में, इससे पहले चले जाओ,


फिर कभी भी दोस्ती का वास्ता न देना “साकेत" को,

भुला दूँ अच्छे पल याराने के, इससे पहले चले जाओ।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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