मेहरबानी होगी

मेहरबानी होगी

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 25 Dec, 2023 | 1 min read

मेरे अनकहे लफ्ज़ों की परेशानी भांप लो, मेहरबानी होगी,

बढ़ती धड़कनों को दिल-ए-नादानी मान लो, मेहरबानी होगी,


इतनी आसानी से दिल जज़्बातों को लबों पर आने देगा नहीं,

हालात बयां करते मेरे इन आँखों में झांक लो, मेहरबानी होगी,


रूबरू तो हूँ तुमसे मगर न जाने क्यों सब सपना सा लग रहा है,

उलझन में पड़े मेरे मन को इस दफा सँभाल लो, मेहरबानी होगी,


आए हो जबसे बेकरार हुए जा रहे हो हाल-ए-दिल मेरा सुनने को,

बस थोड़ा सा वक़्त और इस बेसब्री में गुजार लो, मेहरबानी होगी,


साँसे उखड़ी सी जाती हैं इज़हार-ए-मुहब्बत करने में “साकेत" की,

बस इन हिचकिचाते अल्फ़ाजों की रवानी जान लो, मेहरबानी होगी।


BY :— © Saket Ranjan Shukla

IG :— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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