बंटवारा

रिश्तों का बंटवारा

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 20 Sep, 2020 | 1 min read
#my_pen_my_strength

एक दूसरे की मुश्किलों से अब किनारा कर लिया जाए,

हमारी अब नहीं बनती तो चलो बंटवारा कर लिया जाए,

घर का ये हिस्सा मेरा तो वो दूजा हिस्सा तुम सँभाल लो,

जो कल तक हमारा था, उसे मेरा-तुम्हारा कर लिया जाए,


भाई हैं हम तो क्या हुआ, कब तक एक दूसरे को सँभालेंगे,

यूँ साथ मिलकर, कब तक सारी मुश्किलों का हल निकालेंगे,

अब अपना-अपना परिवार है, अपनी-अपनी जिम्मेदारियाँ हैं,

अब इस होनी को अम्मा-बाउजी और कितने बहानों से टालेंगे,


नज़रें फेरकर एक दूजे से, अलग अलग गुजारा कर लिया जाए,

बनती नहीं हमारी आपस में तो क्यों ना बंटवारा कर लिया जाए।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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