बेचारा नहीं, तजुर्बेकार हूँ मैं

बेचारा नहीं, तजुर्बेकार हूँ मैं..!

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 23 Nov, 2021 | 1 min read

बिखरा हूँ अभी-अभी, कोई बेचारा नहीं हूँ मैं,

जैसा लोग कह रहे हैं, वैसा नकारा नहीं हूँ मैं,

मुश्किलें आज भारी ज़रूर पड़ रही हैं मूझपर,

हार जाने की कगार पे हूँ, अभी हारा नहीं हूँ मैं,


तो अपने तानों की दुकान कभी और खोल लेना,

मेरी औकात, मेरे नाकामयाबी के बाद तोल लेना,

अभी से ही मेरी गलतियों के राग मत अलापो तुम,

जब न हो सके कुछ भी मेरा तब जो चाहे बोल लेना,


क्योंकि जो मेरे सपने हैं साथ मेरे तो बेसहारा नहीं हूँ मैं,

बिखरने और सँभलने का है तजुर्बा मुझे, बेचारा नहीं हूँ मैं।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strengh

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