क्या हो तुम

आखिर क्या हो तुम

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 24 Aug, 2020 | 1 min read
#my_pen_my_strength

हालातों से हारे हो या फिर शुरुआत से ही बेचारे हो,

सफ़र ने ये हाल किया है या ख़ुद से कोई जंग हारे हो,

कुछ तो कहानी होगी ही तुम्हारी कोई तो क़िस्सा होगा,

या फिर तुम भी मेरी तरह किरदार खोने वाले बंजारे हो,


ऐसे हालात की वजह नहीं तो जो है मजबूरी, वो ही बता दो,

करीब जो किसी के हो नहीं तो किस से है दूरी, ये ही बता दो,

यूँ ही कोई बिखरा सा नज़र नहीं आता शरीफों की महफ़िल में,

जज़्बात-ए-जहर दिल में छुपाए हो, खामोश रहकर ही बता दो,


हर गली में भटकते फिरते हो, हो आखिर किस भीड़ का हिस्सा तुम,

गूंगे है सारे किरदार तुम्हारे या फिर ख़ामोशी का कोई किस्सा हो तुम?

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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