हालात और इच्छाएँ

हालात और इच्छाएँ

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 07 Jan, 2022 | 1 min read

गुनगुनाऊँ गीत नए, वजह मिले तो गुनगुनाऊँ,

ठोकरों से दवा करूँ, कुरेद ज़ख्म खिलखलाऊँ,


मयस्सर हैं आराम सारे, बेचैन फिर भी है दिल ये,

बावरा मन, मेरी सुने अगर तो कुछ इसे समझाऊँ,


हूँ सवार साँसों की नाव लिए ज़िंदगी की लहरों पर,

थमे जो तूफ़ान मुश्किलों का तो पतवार भी चलाऊँ,


हल्का झोंका भी हवा का, डराता है मुझ चिराग़ को,

मिले शह जो हौसलों का तो मशाल में ही बदल जाऊँ,


खौफ़ हार का नहीं है “साकेत", है डर लड़खड़ाने का,

क़दम दें साथ मेरा तो ख़ुद को मेरा हाल गाकर सुनाऊँ।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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