मैं मुसाफ़िर

मैं मुसाफ़िर

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 17 Nov, 2020 | 1 min read
#my_pen_my_strength

मैं मुसाफ़िर हूँ, निरंतर चलना आता है मुझे,

सफ़र में हूँ अरसे से, सँभलना आता है मुझे,

हर क़दम पर मुश्किलों से लड़ने की आदत है,

ठोकरों से बिखरना नहीं निखरना आता है मुझे,


राहों ने भी थकाना चाहा मगर मैं कभी थका नहीं,

हार कर हौसला अपना, मैं कहीं पर भी रुका नहीं,

कुछ काँटों ने भी आजमाया, मेरे कदमों के चाल को,

रोया हूँ ज़ार ज़ार मैं, मगर ज़ख्मों के आगे झुका नहीं,


अय्यार मैं फितरत से, हर किरदार में ढलना आता है मुझे,

मुसाफ़िर हूँ ज़िद्दी सा, हर हाल में चलते रहना आता है मुझे।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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