मैं ही मेरी उम्मीद

मैं ही मेरा कर्ता-धर्ता

Originally published in hi
Reactions 0
448
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 26 Jun, 2020 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry Reality #my_pen_my_strength #hindi

मैं मेरे उम्मीदों का सूरज हूँ, मुझे ये अंधेरा क्या डराएगा,

मैं ही पतवार मेरी कश्ती का, मुझे ये समन्दर क्या हराएगा,

है अगर हिम्मत इन लहरों में, तो आज रोककर दिखाए मुझे,

मैं हिम सा बलवान हूँ, मुझसे ये मौसमी तूफान क्या टकराएगा,


बाजुओं में ताक़त हौसले की, आँखों में अधूरे ख्वाबों के अंगारे हैं,

मैं ही मसीहा मेरा, झुकते सामने मेरे, मुश्किलों के चट्टान भी सारे हैं,

ठान चुका हूँ जो अपने हाथों की लकीरों को ख़ुद ही से लिखने का,

बुलन्द है आसमान मेरे हौसलों का, साथ देते ये तकदीर के सितारे हैं,


उबलता ज्वालामुखी हूँ जोश भरा, जलन का दीया मुझे क्या पिघलाएगा,

सूरज हू़ँ मैं अपने नए उदय का, ये घना अंधेरा मुझे क्या आँखें दिखाएगा।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

0 likes

Published By

Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.