अनजाना शख़्स

अनजाना दोस्त

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 04 Jun, 2020 | 1 min read
Life #hindipoetry #my_pen_my_strength Story

जाने पहचाने लोगों में एक शख़्स अनजाना मिला है,

ऐसा लगा जैसे मुझे आज नया सा कोई तराना मिला है, 

बातें बचकानी करता है वो, मगर चालाक नजर आता है,

जिम्मेदारियों के बोझ तले भी वो आज़ाद नजर आता है,


आँखें उसकी जैसे टूटे सपनों को भी जोड़ना जानती होंगी,

बातें उसकी जैसे नाउम्मीदी की राह मोड़ना जानती होंगी,

मुश्किलों से लड़ते हुए भी आसानी से मुस्कुरा रहा है वो कैसे,

जो ख्वाब हम देखते भी नहीं, उन्हें पूरे किए जा रहा है वो कैसे,


इस अंधेरी रात में भी मुझे उजियारे का कोई अफसाना मिला है,

मुझे पहचाने हुए बादलों के बीच एक सितारा, अनजाना मिला है।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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