ऐ शाम कुछ तो बोल

कुछ बातें ये शाम भी हमसे छुपा कर रखती है

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 17 Jul, 2020 | 1 min read
#my_pen_my_strength

क्या छुपा रखा है परदे में, कुछ तो राज खोल,

कब तक खामोशी सुने तेरी, कुछ तो आज बोल,

इस बदले मौसम को देख, क्या अंदाज लगाएँ हम,

आख़िर कब तक तेरी मनमानियां, सहते जाएँ हम,


कोई तूफान है आने को या फिर यूँ ही घबरा रहें हैं हम,

मुश्किलें बढ़ने को हैं या गलत अनुमान लगा रहें हैं हम,

हौसला डगमगा रहा है, हिम्मत से भी साथ छूटने को है,

लगता है जैसे ये आसमान भी हमारे ऊपर ही टूटने को है,


तरस खाकर हमारे हालात पर, अब हमारी ओर रुख़ तो मोड़,

क्यों ख़ामोश रहकर बेचैनी बढ़ा रहा है, ऐ शाम कुछ तो बोल।

By:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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