मैं वो नहीं हूँ

मैं कोशिश कर रहा हूँ खुद को समझने की

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 13 Aug, 2020 | 1 min read
Season #my_pen_my_strength #hindi

मैंने जो समझा मुझे, मैं वो नहीं हूँ शायद,

जितना बुलंद माना, उतना नहीं हूँ शायद,

बिखर कर जाना कि ये गलती भी मेरी थी,

मेरा दरिया, मेरा किनारा कश्ती भी मेरी थी,


गुनहगार हूँ मैं ख्वाबों का, नींद आँखों से फरार है,

सँभलने की चाह नहीं, दिल टूटने को ही बेकरार है,

इरादा मेरा पस्त हुआ, उम्मीदों का सूरज अस्त हुआ,

मैं खो गया मुझसे ही, अंधेरे के नशे में मदमस्त हुआ,


वैसा मैं हूँ नहीं शायद, जैसा मेरे किरदार ने मुझे परखा था,

कभी आया था क्या वो वक़्त, जब मैंने खुद को समझा था?

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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