मेरी कलम की मुझसे बातचीत

मेरी कलम कभी कभी मुझसे सवाल भी पूछती है और सच कहूंँ तो मेरे पास जवाब में कुछ नहीं होता..

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 02 Jun, 2020 | 1 min read
Life #my_pen_my_strength

क्या हुआ, आ गए फिर मेरे सहारे दर्द भुलाने को,

हाथ में थामकर मुझे, पलकों तले अश्क छुपाने को,

फ़िर से कुछ कोरे पन्नों को, अपने हालात बताओगे,

जो ज़ज्बात दुनिया से छुपाते हो, वो उन को जताओगे,


मजबूर नहीं हो मगर ख़ामोशी से दोस्ती किए बैठे हो तुम,

जो हैं बेआवाज़ उन अल्फाजों का सहारा लिए बैठे हो तुम,

कब तक ये हाल देखूँ और आख़िर क्या ही समझाऊँ तुम्हें,

ख़ुद से थक चुके हो लड़कर अब मैं क्या ही आजमाऊँ तुम्हें,


हर बार आवाज़ उठाने के वक़्त, जो यूँ ही तुम घबरा जाते हो,

फिर मेरे और इन कोरे पन्नों के सहारे, ख़ुद को तलाशने आ जाते हो।

BY:— ©Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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