उन्हें ख़बर ही नहीं है

उन्हें ख़बर ही नहीं है

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 10 Sep, 2021 | 1 min read

दिल के मरीज़ हुए हम उसी शाम से, उन्हें ख़बर ही नहीं है,

ख़्यालों में खोए, न रहे किसी काम से, उन्हें ख़बर ही नहीं है,


दिल की सल्तनत उनके नाम करके फ़कीर से अमीर हुए हम,

उनके आगे सर भी झुकाया इत्मीनान से, उन्हें ख़बर ही नहीं है,


हम तो कब से ही हैं उनके मगर उन्हें कैसे अपना कहें आख़िर,

वो मल्लिका-ए-हुस्न, हम ख़ादिम आम से, उन्हें ख़बर ही नहीं है,


होश में होकर जो मदहोश हैं हम, सुरूर-ए-इश्क़ की करामात है,

अब नशा चढ़ता ही नहीं हमें किसी ज़ाम से, उन्हें ख़बर ही नहीं है,


हँसते हैं लोग कई “साकेत" की बेबसी और उसके हाल-ए-दिल पर,

दुनिया जानती है हमें उनके आशिक़ के नाम से, उन्हें ख़बर ही नहीं है।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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