देख ऐ माँ अपने सपूत को

कैसे बदल जाते हैं बच्चे आजकल, सारा बचपन मम्मी मम्मी कह कर पीछे दौड़ा करते हैं और जिम्मेदार होने के बाद मां की ही जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाना चाहते हैं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 18 Sep, 2020 | 1 min read
Life

ममता और करुणा से सींच कर जिसे कोंपल से किसलय बनाया,

भूल कर सारी मर्यादाएँ, उसी ने तुम्हें घर गृहस्थी का पाठ पढ़ाया,

जिसकी हर जिद्द को अपनी जरूरतों से ज्यादा ज़रूरी समझती थी,

उसी सपूत ने ही तुम्हारी दवाइयों के ख़र्च को भी गैर ज़रूरी बताया,


कैसा कलेजा है तेरा, जो अब भी उसकी फिक्र में रातों को जागती है,

वो तेरी कद्र भी करता नहीं, तू उसकी सलामती की दुआएँ माँगती है,

ये फूटी किस्मत तेरी, ना जाने तुझे अब और कैसे कैसे दिन दिखाएगी,

जिसे तू नज़र भर भी सुहाती नहीं, उसके पीछे तू नाश्ता लेकर भागती है,


जिसके कामयाब और खुशहाल जीवन के लिए तूने अपना सर्वस्व गँवाया,

देख ऐ माँ, उसने तेरी गिरती सेहत देख, किस निर्लज्जता से तुझे ठुकराया।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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