जाने किस फ़िराक़ में हूँ

जाने किस फ़िराक़ में हूँ

Originally published in hi
Reactions 1
330
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 08 Jan, 2021 | 1 min read
#my_pen_my_strength

आँसूओं से ही दामन धोने की फ़िराक़ में हूँ,

सब से छिप छिपाकर रोने की फ़िराक़ में हूँ,


जो कुछ मयस्सर है मुझे वो सबको होता नहीं,

ख़ुद से भी ऊबकर, सब खोने की फ़िराक़ में हूँ,


हर लम्हे ख़ुद को ज़िन्दगी में उलझाकर ही रखा,

अब कुछ पल को सुकून से सोने की फ़िराक़ में हूँ,


ज़ख़्म हज़ार थे, छाले पाँव के भरते नहीं आज भी,

जाने क्यों फ़िर से राहों में काँटे बोने के फ़िराक़ में हूँ,


राहें भी कहती हैं कि बिना रुके चलते चलो “साकेत",

आख़िर फ़िर क्यों आरामतलबी होने की फ़िराक़ में हूँ।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

1 likes

Published By

Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.