रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं

रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 11 Aug, 2022 | 1 min read

दो सूत की इस राखी में बाँधा है बहना ने अपना प्यार,

हो रक्षा भाई की और सकुशल रहे दोनों का प्रेम अपार,

है कई वादों की डोर ये और रक्षासूत भी ये कहलाती है,

बहनों के स्नेह की ये डोर भाईयों की ताकत बन जाती है,


कीमत दो सूत का नहीं है, मोल तो किए वादों का होता है,

हो लड़ाईयाँ उनमें लाख मगर स्नेह कहाँ कभी कम होता है,

जीवन युद्ध का विजय तिलक, रोली और अक्षत से लगाती हैं,

फिर बाँध कलाई में अदृश्य रक्षा कवच, हर संकट से बचाती हैं,


नेग चाहती हैं थोड़ा बहुत, बदले में निश्छल प्यार सारा चाहती हैं,

भाई रहे कुशल और करे रक्षा सदा, परमेश्वर से बस यही माँगती हैं।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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