Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 29 Aug, 2020
खड़ा हूँ
अंधेरी रात में बुझा हुआ मशाल लिए खड़ा हूँ, जो सुलझ नहीं पाए ऐसे सवाल लिए खड़ा हूँ, ख़ुद में उलझा रहा, होश में ज़रा देर से हूँ आया, होश होश में भी मदहोशी कमाल लिए खड़ा हूँ..! BY:— ©Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

Paperwiff

by saketranjanshukla

29 Aug, 2020

Life

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