Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 25 Sep, 2023
इस दफ़ा कुछ यूँ हुआ
मज़लूम ये लब इस दफ़ा भी ख़ामोश रह गए, ये दर्द-ए-जुदाई हम कुछ इस तरह से सह गए, कि तेरे इंतज़ार को भरम समझकर भुला दिया, और तेरे ख़्वाब अश्क़ बनकर आँखों से बह गए.! BY :— Saket Ranjan Shukla IG :— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

25 Sep, 2023

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