Acid attack

Acid attack

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Saima
Saima 04 Jun, 2020 | 1 min read

आखों में सपने लिए एक मासूम सी बच्ची थी।

क्या थी गलती मेरी !?


फिर बदलती ज़िन्दगानी 

कुछ टूटी, कुछ रूठी।

 

फिर एक दिन आया ऐसा,

मुह पर छलका पानी जैसा।


मैं ना डरी, ना झुकी, ना रुकी।

शेरनी हूँ, औरत हूँ मैं।


सीखा अपनी गलतियों से।

खुद ना चाहो तो कोई नही रोक सकता कुछ करने से।


कोई नही रोक सकता हालात को बदलने से।

कुछ पलो में ज़िन्दगानी बदलने से।


आखों में सपने लिए एक मासूम सी बच्ची थी।

और क्या थी गलती मेरी !?


✍?साइमा अहमद ✍?

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