कसम खाई दिलों से नफरत मिटाने की,
खुश सदा रहकर मुस्कुराहट सजाने की,
हौसलों के पंख लगाकर सदा जीवन में,
छोटी छोटी बातों से नही घबड़ाने की।
कसम खाई हर कसम को निभाने की,
अहम छोड़कर सदा ही रिश्ते बचाने की,
बिगड़ी को सँवारने के लिए प्रयासरत हो,
जीवन समर में हर हाल में जीत जाने की।
कसम खाई मैंने धैर्य का दामन थामकर,
हर हाल में स्वयं को सदा आजमाने की।
संतोष रखकर जीवन में सदा अपने,
दूसरों का सहारा बन हाथ थाम जाने की।
कसम खाई मैंने सदा इंसानियत जिंदा रहे,
इसके लिए गिरे को सदा ही उठाने की।
मुश्किलों में मदद कर एक दूसरे की दिल से,
एक दूजे के दिलों में सदा जगह बनाने की।
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