नवोदय(विद्यालय)

नवोदय

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 14 Apr, 2022 | 1 min read

थे बिल्कुल हम सब नादान,

एक नये परिवार से हुई पहचान,

रुधिर में समा गया वह,

सात वर्षों में ही उम्र भर का नाम।

नवोदयन बन गए सब,

नवोदय ही हमारी आन बान शान।

तेरी जय नवोदय, जय जय नवोदय।


पीटी से शुरू होता दैनिक कार्यक्रम,

मॉर्निंग असेंबली,प्रार्थना,विचार,समाचार वचन।

छात्र प्रतिज्ञा लेकर बढ़े चले हम,

विज्ञान ,साहित्य ,गणित और सांस्कृतिक कार्यक्रम,

खेल के मैदानों में भी 

दिखलाये सभी अपना नया कीर्तिमान।

तेरी जय नवोदय, जय जय नवोदय।


धर्म ,जाति ,क्षेत्र ,संप्रदाय का ज्ञान नही,

नवोदयन हैं हम बस इतनी ही पहचान रही।

देश विदेश जहाँ भी जाये हम,

मिल जाता है अपना परिवार वही।

जीवन में शून्य से लेकर पहुँच जहाँ तक,

यह सब नवोदय से मिली सीख रही।

तेरी जय नवोदय, जय जय नवोदय।


नवोदय के ऋण से कभी उऋण नही,

देश समाज के लिए कर ले थोड़ा ही सही।

मेरे अस्तित्व की सदा ही पहचान बनी,

नवोदय बिन शायद मैं शून्य रही।

नवोदय परिवार से अलग होने की कल्पना,

तकलीफ की वजह बन जाता है सही।

तेरी जय नवोदय जय जय नवोदय।


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Ruchika Rai

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