प्रेम

प्रेम एक भावना है

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 25 Jul, 2021 | 1 min read

प्रेम नही महज शब्द यह एक भावना

जो व्यक्तित्व को बदल दें

विचारों में परिवर्तन कर दें,

नही किसी अभीष्ट की है कामना।

व्यक्ति,समय ,परिस्थिति विशेष से प्रेम,

नही है प्रेम का विस्तृत ये अर्थ।

सम्पूर्ण जगत के लिए मन में शुभेच्छा,

कल्याणार्थ उठे कदम।

परिस्थिति और समय से न हो प्रभावित 

यही है प्रेम का का विशेष अर्थ।

प्रेम भाव है सर्वस्व समर्पण का,

कर दें सभी खुशियों का अर्पण।

होंठ पर मुस्कान लाने हेतु

हो प्रयास निरंतर।

प्रेम महज एक नही है शब्द

यह है भावना।

प्रेम में रूह का हो मिलन,

दिलों का संयोजन,

नही फर्क हो स्थान और दूरियों से।

प्रेम बस हो पवित्र पूजा सम

श्रद्धा और त्याग का प्रतीक।

आत्मिक खुशी का साधन,

स्वार्थ से परे।

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Ruchika Rai

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