अटूट बंधन

रक्षाबंधन

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 22 Aug, 2021 | 0 mins read

भाई बहन के प्रेम का इतना ही है भान,

एक दूजे के दर्द को तुरंत लेते पहचान,

है अटूट बंधन न सकता कोई इसे तोड़,

भाई बहन एक दूजे के होते सदा जान।


है स्नेह रक्त सिंचित इनको पहचाने कौन,

एक दूजे का राज लिए बैठे हैं ये मौन,

सुख दुख में खड़े हुए बनके ये ढाल,

एक दूजे के लिए अपनी ख़ुशियाँ गौण।


प्रीत का ये बंधन नही कभी टूटे,

कितना भी दूर रहे न साथ ये छूटे,

एक दूजे की खुशियों के लिए करें प्रार्थना,

कितना भी मुश्किल हो पर नही कभी रूठे।


आरती लेती बहन भाई का दे आशीष

बाँध कलाई में धागा सहलाती शीश,

मिठास से भरा हुआ जीवन उसका,

अटूट बंधन से जुड़े, हो ऐसी परवरिश।


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Ruchika Rai

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