इंतजार

इंतज़ार

Originally published in hi
Reactions 0
218
Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 May, 2022 | 0 mins read

घर की ड्योढ़ी पर दो जोड़ी आँखें,

टकटकी बाँधे तक रही हैं,

कब आयेगा लाल हमारा

कब पूरा होगा उनका ये इंतजार।


गोधूलि बेला है सब घर को लौट रहे,

सूरज भी सुस्ताने को आतुर,

धीरे धीरे छुप रहा ,बादलों की ओट में

दरवाजे पर खेल रहे बच्चे सोचे कब

लेकर पापा उनके आयेंगे मिठाई और प्यार।


चूल्हे के पास बैठी हुई सजनी

करके साज शृंगार।

मन ही मन में झल्लाती ,खिसयाती,

अब बहुत हो गया तेरा इंतजार।

अब तो आओ प्रियतम व्याकुल है मन

छटपटाहट बढ़ती और दिल बेकरार।


सीमा पर गया है जिस घर का लाल,

हर खबर पर चौंक जाते

मॉं, बहन ,बीबी ,बच्चे और पूरा परिवार।

अनहोनी की आशंका से घबड़ाया है मन

एक बार सकुशल होने की मिल जाये खबर

पूरा हो जाये उनका इंतजार।


चाँद रात में छत पर खड़े,

आह्लादित है मन सबका।

देख के इस दूज के चाँद को

मन में उमंग भर ह्रदय तरंगित

जैसे हो गया है महीनों का पूरा इंतजार।


करवा चौथ में भूखी प्यासी

सज सँवर कर रही है चाँद

एक दूजे चाँद का इंतजार।

क़ब निकलेगा ये चौथ का चाँद

हो जाएगा उनका व्रत पूरा

और पूरा होगा उनका इंतजार।


इंतजार का है अलग आनंद

वह जतलाये दिल में छुपा कितना है प्यार।

बस इंतजार का फल सुखद हो सबका,

यही अनुनय प्रभु से करती सदा मैं

सुन लेना प्रभु बिनती करू बारम्बार।


0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.