अनुभव

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 04 Dec, 2022 | 1 min read

किनारे पर खड़े गहराई का अंदाजा लगाते हो,

जिंदगी को जिये बिना कैसे समझ पाते हो।


अनुभव की तराजू पर तुम ध्यान लगाया करो,

छोटी छोटी बातों का तुम सदा बखेड़ा बनाते हो।


गहराई का अंदाज लगाना हो तो उतरकर देखो,

किनारे से तुम क्यों सदा निर्देश देते जाते हो।


खुशबू किस फूल की है तुम परखते नही कभी,

बिना परखे बताओ कैसे तुम नाम बताते हो।


जिंदगी के जंग में शामिल होना मजबूरी है,

इस जंग में लड़कर ही तुम नया अनुभव पाते हो।


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