पिता

पिता आधारस्तंभ

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 Oct, 2021 | 0 mins read

पिता घर के आधार स्तम्भ,

उनके बिना अस्तित्व विहिन हम,

रखें ख्याल वह हर जरूरतों का,

वह एक विशाल वटवृक्ष सम।


पिता करते जिम्मेदारियों का निर्वहन,

चेहरे पर लाये बिना कोई शिकन,

उनके होने से निश्चिन्त हम,

हर नामुमकिन बनाएंगे हम मुमकिन।


पिता पूरी करते फरमाइशों का पिटारा,

अपने संतान को रहने न दें बेचारा,

छोटी छोटी जरूरतों को पूरी करने के लिए,

गला घोंटते अपने ख्वाहिशों का सारा।


पिता देते हैं दुनियादारी की सीख,

चलना सीखाते हटकर के लीक,

कठोर अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं सदा,

जीवन के मूल्यों को लो जेहन पर लिख।


पिता घर का मजबूत आधार स्तंभ,

उनके बिना अस्तित्व विहीन हम।


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