जन्नत

जन्नत यही है

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 558
Ruchika Rai
Ruchika Rai 06 Apr, 2021 | 1 min read



जहाँ प्यार की हल्की फुहार हो,

जहाँ छोटी बातों पर न तकरार हो,

जहाँ एक दूसरे के लिए परवाह फिक्र,

जहाँ दूसरों के सुख में करार हो।


जहाँ माँ बाप की ही मान हो

जहाँ नही झूठी कोई आन हो,

जहाँ रिश्तों में न कोई क्लेश हो,

जहाँ एक दूसरे के लिए सम्मान हो।


जहाँ शूल को भी स्वीकार लें,

जहाँ अपनों के लिए खुद को हार लें,

जन्नत और कही नही यही है,

जहाँ दूजे के लिए खुद को वार लें।


जन्नत झूठ बेईमानी धोखा से दूर है,

जहाँ आपस में नही कोई मजबूर है,

जहाँ विश्वास की बहती बयार हो,

जहाँ प्यार ही बस प्यार हो।



0 likes

Support Ruchika Rai

Please login to support the author.

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.