झील

हाइकु

Originally published in hi
Reactions 0
255
Ruchika Rai
Ruchika Rai 02 Jul, 2021 | 1 min read

झील से नैन

उड़ा लेते हैं चैन

मन बांवरा


शांत है झील

गहराई समेटे

अथाह सीमा


मन की पीड़ा

झील से भी गहरा

कौन समझे



झील सी आँखें

डूबने को आतुर

प्रेमी युगल


पत्थरों बीच

जल का बड़ा सोता

है मनोहारी


झील का जल

स्वच्छ और शुद्ध है

बड़ी ही मीठी


झील सी आँखें

गहरा समुंदर

थाह न लगे।


नयन झील

डूबे जब इसमें

पार कठिन।


नयन झील

डूबे जब इसमें

पार कठिन।


वर्षा का जल

गिरे जब झील में

हलचल हो।



शांत है झील

मन में हलचल

सब मगन।



0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.