वसीयत

वसीयत

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 14 May, 2022 | 1 min read

पल पल पर होती है कैसी ये लड़ाई,

जिस बुजुर्ग माँ बाप के परवाह ,

ख्याल और फिक्र में होती कोताही,

उनके ही वसीयत पर हक अपना देता दिखाई।

वसीयत में चाहिये धन दौलत

माल और असबाब

नही चाहिए उन्हें प्यार और आशीर्वाद।

ये कैसा युग ,क्या हो गया परिवर्तन

अर्थ से ही मतलब और उनका ही संवर्द्धन।

बस वसीयत के नाम पर होती है ढिठाई।


वसीयत में ली जाये मर्यादा और संस्कार

रीति रिवाजों का रखा जाय ख्याल

प्रेम और समर्पण का पाठ सीखा जाय

सब्र और सहनशीलता को संचित कर

रखा जाय अपने पास।

बड़ों के आदर करने का गुण लिया जाए

दुख सुख में निभाया जाए साथ।

बस वसीयत में चारित्रिक गुणों को लेकर 

अपनी मेहनत के बल पर खुद को खड़ा

करने का गुण लेकर बनाया जाय खास।

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Ruchika Rai

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