अजनबी

अजनबी

Originally published in hi
Reactions 0
198
Ruchika Rai
Ruchika Rai 21 Nov, 2022 | 0 mins read

वो अजनबी था न जाने कब अपना बना,

संग उसके जुड़ा दिल का ये मेरा सिलसिला।


उसकी बातों से दिल को बड़ी राहत मिली,

दर्द कम हुआ जैसे मुझको मरहम मिला,

दिल के हर राज का वह मेरे राजदार बना,

उसके होने से मुझको है बड़ी हिम्मत मिली।


मेरे वजूद को उससे एक बड़ी पहचान मिली,

दिल को लगा फूल खुशियों का है खिला,

वो अजनबी कहाँ अजनबी ही अब रह गया,

मेरे वजूद का वह एक हिस्सा यारों बन गया।


उसके मिलने से सफर सुहाना सा बन गया,

सफर के मुश्किलों में भी मुस्कान चेहरे पर खिला,

संग उसके हँसना और रोना अच्छा मुझको लगा,

बेमकसद जीवन को एक उद्देश्य मिल गया।


राह में अजनबी कहाँ अजनबी से रह जाते हैं,

दिल से जुड़कर दिल में आकर वह बस जाते हैं,

जिंदगी को सदा ही एक नए मायने देकर वो,

जिंदगी में एक विशेष जगह बना ही जाते हैं।

0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.