पल में बदलती जिंदगी

जिंदगी दो पल की

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 21 Nov, 2022 | 0 mins read

पल में अपने ,पल में पराये,

पल में बदलते है रिश्ते नाते,

पल में जज़्बातों का जनाज़ा,

पल में है खुशियों का मातम।

यह रंग बदलती दुनिया है

किसका यहाँ विश्वास करें।

क्षण में बदल जाते हैं लोग,

बताओ किससे हम आस करें।


क्षणिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए

रिश्ते बनाये जाते हैं,

जब तक जरूरत पूरी न हो

रिश्ते दिल से निभाये जाते हैं।

जब हो जाये पूरी जरूरत,

क्यों हम किसी का एहतराम करें।

यह रंग बदलती दुनिया है,

कुछ यूँ रिश्ते का काम तमाम करे।


इस रंग बदलती दुनिया में प्रभु

का हमने दामन थाम लिया।

अब वही पार लगाएंगे जीवन को

जीवन उनके नाम किया।

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