दोस्ती

दोस्ती

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 Aug, 2022 | 0 mins read

भावनाओं का अनूठा बनता संगम,

मैं से बन जाते हैं सदा ही दोनों हम,

प्यार और विश्वास से सिंचित होते,

नही लगते कभी किसी से भी कम।


दोस्त बन जाते जीवन में सदा इत्र,

वह आईना बन दिखलाते हैं चरित्र,

दोस्ती नही कभी जाँचे परखे हमें,

सारे रिश्तों में खास हो जाते हैं मित्र।


दोस्ती उलझी गाँठों को सुलझाती है,

मरहम बन ज़ख्म पर लग जाती है,

दोस्ती खून का रिश्ता नही है मगर,

खून के रिश्ते से भी खास बन जाती है।


दोस्ती अंधकार में प्रकाश किरण बन आती है,

गर्मी में दिल को राहत का एहसास कराती है,

दोस्ती सुकून है बेचैन से रूह के लिए,

दोस्ती हमराज हमख्याल भी अक्सर बन जाती है।


दोस्ती जीवन का सदा ही बनती आधार,

इसके बिना जीवन लगता सदा निराधार,

जन्नत का एहसास हो दोस्तों के संग ही,

दोस्ती जीवन के लिए दौलत बनें बेशुमार।


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Ruchika Rai

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