बेटियाँ बेटियाँ हम हैं भारत की बेटियाँ
चढ़ जाती हैं सदा पर्वतों की चोटियाँ
जमाने से आँख मिलाकर चलती रहें
हमारे बिना घर में पकती नही रोटियाँ।
बेटियाँ बेटियाँ हम हैं भारत की बेटियाँ
कुल की मर्यादा निभाती हैं सदा,
अपने हिम्मत को भी दिखाती हैं सदा,
स्नेह से सिंचित करें घर परिवार को,
प्रेम आदर का भान कराती हैं सदा।
बेटियाँ बेटियाँ हम हैं भारत की बेटियाँ
शिक्षिका बन अक्षर ज्ञान कराती हैं
डॉक्टर बन जीवन को सदा बचाती हैं
ओलंपिक में अपनी धाक जमाने लगी,
इस तरह अपने हुनर को आजमाती हैं।
बेटियाँ बेटियाँ हम हैं भारत की बेटियाँ
घर के आँगन की तुलसी बनी हैं सदा
रौनक है इनके दम से रहती सर्वदा
दो कुलों की मर्यादा निभाती रही,
इनको मिले प्यार और सम्मान ज्यादा।
बेटियाँ बेटियाँ हम हैं भारत की बेटियाँ
फिक्र परवाह इनको विरासत मिली,
अपनों के लिए सुख अपना छोड़ती भली,
गंगा सी अविरल पवित्र हैं रही
इनको सम्मान न दें ये बात बड़ी खली।
बेटियाँ बेटियाँ हम हैं भारत की बेटियाँ
सहनशीलता को हमारी कमजोरी न जानो,
धैर्य को मेरे मेरी ताकत सदा ही मानो,
जिद पर हम अगर आ जाती हैं तो
मुसीबत हो जाये रफा दफा ये ठानो।
बेटियाँ बेटियाँ हम हैं भारत की बेटियाँ।
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