शिक्षक हूँ मैं शिक्षा का अलख जगाऊंगी,
अक्षर अक्षर से मैं सबका परिचय कराऊँगी।
सही गलत का भेद मैं हर जन को बतलाऊंगी,
तर्क की कसौटी पर कस मैं सदा दिखलाऊँगी,
ज्ञान विज्ञान की बातें होंगी सदा ही जीवन में,
मैं अंकों के माध्यम से जीवन आसान बनाऊँगी।
शिक्षक हूँ मैं शिक्षा का अलख जगाऊंगी,
शब्द शब्द से मैं सबका परिचय कराऊंगी।
दुनिया के भूगोल से मैं परिचय करवाऊंगी,
नई नई खोजों को मैं सबको दिखलाऊँगी,
इतिहास की बातें भी सबको पता चले जरूर,
इसके लिए मैं सदैव जतन कर जाऊँगी।
शिक्षक हूँ मैं शिक्षा का अलख जगाऊंगी,
वाक्य वाक्य से मैं सबका परिचय कराऊंगी।
राजनीति के सारे दाँव पेंच हर जन को पता हो,
कानून की अनभिज्ञता से नही कोई घाटा हो,
हर अनसुलझे प्रश्न को सदा सुलझाने के लिए,
देश काल और समय नही कभी भी बंटा हो।
शिक्षक हूँ मैं शिक्षा का अलख जगाऊंगी,
विषय विषय से मैं सबका परिचय कराऊंगी।
शिक्षा से उन्नति का सदैव मार्ग प्रशस्त हो,
जीवन कभी किसी का हताशा में नही अस्त हो,
शिक्षक हूँ मैं जीवन का सरल राह बताऊँगी,
दुर्गुणों को अपनाने में नही कभी कोई व्यस्त हो।
शिक्षक हूँ हर हाल में खुश रहना सिखाऊंगी,
स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता के पाठ पढ़ाऊंगी।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.