माँ

माँ

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 May, 2021 | 0 mins read

माँ जीवन का संपूर्ण सार है,

करती हम पर सब वार है,

हमारे सुखों के खातिर सदा,

सब कुछ लुटाने को तैयार है।

माँ निःस्वार्थ प्यार करती है,

बच्चों पर जां निसार क़रती है,

हर तकलीफ में बच्चों के,

वह खुद ही जी कर मरती है।

माँ ईश्वरीय वरदान है,

हम सब मूढ़ नादान है,

जीवन के कठिनतम क्षणों में

सदा साथ रहती महान है।

माँ प्रेम की बूटी है,

वो बच्चों से नही रहती रूठी है,

गलतियों को क्षमा करती वो,

बच्चों के बेरुखी से टूटी है।

माँ सदा शक्ति रूप है,

माँ जाड़े की लगे धूप है,

माँ गर्मी में शीतल बयार है,

माँ रंक नही भूप है।

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