दोहरे चेहरे

चेहरे पर चेहरे

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 17 Apr, 2022 | 1 min read

चेहरे पर कई चेहरे सजाते हैं,

ऐसे ही जमाने को दिखाते हैं।


दिल में कुछ ऊपर कुछ दिखाते हैं,

इस तरह दुनिया को भरमाते हैं,

मीठी बोली से रीझ जाते हैं सब,

दिल में कालिख सा सदा लगाते हैं।


चेहरे से मन का कोई हाल न जाने,

कुछ ऐसे ही खुद को छुपा माने,

धोखे में रखते हैं ये सबको

इस तरह चेहरे को बोलो कैसे पहचानें।


दर्द भले कितना भी हो दिल में,

चेहरे पर सदा ही मुस्कान सजे।

मन में कितना भी शोर छुपा हो

ऊपर से शांत दिखाते हैं लोग।


दिल में भले कितना भी मैल हो,

ऊपर से खेले सारे ही खेल वो,

नियत में भले कितनी बुराई हो,

पर सामने से दिखाते मिताई हो।


चेहरे पर कई चेहरे सजाते हैं,

इस तरह जमाने को दिखाते हैं।

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