आया बसंत

बासंती शृंगार

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 06 Feb, 2022 | 0 mins read

देखो चारों तरफ बासंती शृंगार है,

सखी आई ये बसंत की बहार है।


पीली पीली सरसों खेतों में सज रही ,

कोयल की कूक की संगीत बज रही,

गेहूँ की बालियाँ स्वर्णिम सी लगती हैं,

अलि फूलों पर मँडराती पूरे जग रही।


देखो चारों तरफ बासंती शृंगार है..


सूरज की किरणें भी ताप बिखेर रही,

पाकर ताप ठंड भी देखो सिकुड़ रही,

पछुआ की बहने लगी चंचल बयार है,

प्रियतम को देख प्रिया भी सँवर रही।


देखो चारों तरफ बासंती शृंगार है...


वीणापाणि की आराधना में सभी लगे हैं,

लेखनी की धार प्रबल बिनती सदा करें हैं

मूढ़ता को दूर करो माँ यही है प्रार्थना,

तिमिर अज्ञानता का उनकी कृपा से मिटे हैं।


देखो चारों तरफ बासंती शृंगार है...

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Ruchika Rai

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