जिंदगी

जिंदगी देती है

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 May, 2021 | 1 min read

जिंदगी सदा कुछ न कुछ हमें देती है

कभी हसरतें कभी नफ़रतें

कभी चाहतें,कभी मोहब्बतें

कभी हिम्मत,कभी ताकत

कभी सपने ,कभी अपने

कभी खुशी तो कभी गम

कभी दोस्ती तो कभी दुश्मनी

कभी मिलन तो कभी जुदाई

कभी आँसू तो कभी मुस्कान

कभी हकीकत,तो कभी मृगमरीचिका

कभी विश्वास तो कभी धोखा

कभी वफ़ा तो कभी जफ़ा

कभी प्यार तो कभी रार

और इन सबके ऊपर

कभी जिंदगी तो फिर एक दिन मौत

और इस मौत के साथ सब कुछ खत्म हो जाता

जीवन भर जिसके लिए तड़पते रहते

वो सब बेकार ,बेफजूल बन जाता।

सब कुछ शून्य और शून्य में विलीन हो जाता।

न रहती चाहतें ,

न नफ़रतें

न प्यार ,न हसरतें

पीछे छोड़ जाती कुछ अफसोस

वो भी अफ़सोस कैसा अफ़सोस

चंद दिन ,चंद महीने

या चंद साल

जिंदगी चलती रहती

जैसे चलती थी जिंदगी के साथ

और फिर चलेगी जिंदगी के बाद।

समय न कभी रुकता 

न कभी रुका था

न कभी रूकेगा।

तो बाँट लो थोड़ी ख़ुशियाँ

थोड़ी मुस्कान।

पोंछ दो आँसू

और बता दो 

जिंदगी बस इतनी ही है

आज अभी इस पल में

न इसके पहले थी

न इसके बाद

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